Saturday, April 27, 2024
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नन्हीं जलपरी (डैनिश कहानी) : हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन

The Little Mermaid (Danish Story in Hindi) : Hans Christian Andersen

बहुत गहरे समुद्र में समुद्री राजा का महल था। वो अपनी बेटियों और बूढ़ी मां के साथ वहां रहता था। राजा का महल बेहद ख़ूबसूरत था और वो अपनी बेटियों से बहुत प्यार करता था। सबसे ज़्यादा प्यार वो अपनी सबसे छोटी बेटी से करता था।

इस समुद्री राज्य का एक नियम था कि जो भी राजकुमारी 18 साल की हो जाती थी, उसे समंदर की सतह पर जाने का मौक़ा मिलता था। उससे पहले कोई भी राजकुमारी सतह पर नहीं जा सकती थी। राजा की पांचवीं बेटी की सालगिरह का मौक़ा था। सभी बहुत ख़ुश थे। राजकुमारी को सभी जन्मदिन की बधाई दे रहे थे। राजा ने ऐलान किया कि मरीना अब 18 साल की हो गई और उसे सतह पर जाने की इजाज़त दी जाती है, ताकि वो बाहरी की दुनिया, धूप व इंसानी दुनिया देख सके, उसका आनंद ले सके। राजा ने साथ ही मरीना को आगाह भी किया कि सागर की दुनिया इंसानी दुनिया से बहुत अलग होती है, इसलिए वो इंसानों के क़रीब न जाए और समय रहते अपनी दुनिया में लौट आए। यह सुन सबसे छोटी राजकुमारी इवा भी सतह पर जाने की ज़िद करने लगी, लेकिन राजा ने साफ़ इंकार कर दिया, क्योंकि वो 18 साल की नहीं हुई थी। इवा बहुत दुखी हुई, उसे बेसब्री से अपने 18वें जन्मदिन का इंतज़ार था। इवा बेहद ख़ूबसूरत थी और उसकी सबसे बड़ी ख़ासियत यह थी कि वो बेहद दयालू थी। समंदर के सभी जीवों से उसे प्यार थे। यही वजह थी कि वो सबकी फेवरेट थी।

इवा को इंसानों के बारे में जानने की बहुत उत्सुकता रहती थी। वो अक्सर अपनी दादी मां से उन्हीं के बारे में पूछती रहती थी। एक बार यूं ही उसने पूछा कि क्या इंसान हमारी तरह ही होते हैं या हमसे बेहतर होते हैं?

दादी में ने बताया कि उनके पैर होते हैं, जबकि हमारे पैर नहीं होते, मछलियों की तरह हमारे शरीर की बनावट होती है। इंसान बहुत प्रदूषण फैलाते हैं, इसलिए वो हमसे बेहतर नहीं होते। इवा ने जानना चाहा कि क्या इंसान हमसे ज़्यादा जीते हैं, तो दादी मां ने समझाया कि वो 100 साल से ज़्यादा नहीं जीते, जबकि मरमेड्स 300 साला तक जी सकती हैं और मरने के बाद वो समुद्री झाग बन जाती हैं। लेकिन यदि हम जीवनभर भले काम करें, तो हम अमर हो सकते हैं और हवा की परियां हमें स्वर्ग ले जाती हैं उनके साथ रहने के लिए।

इसी तरह समय बीतता गया और इवा का 18वां जन्मदिन आ गया। उसे सबने बधाई दी। वो ख़ुद बेहद उत्साहित थी, आख़िर जिस पल का उसे इंतज़ार था, वो आ गया था। राजा ने कहा कि मैं तुम्हें बाहरी दुनिया दिखा लाता हूं, पर इवा ने कहा कि बाकी सब अकेले गए, तो वो भी अकेली ही जाना चाहती है। इतने में उसके दोस्त श्रिंप ने राजा से कहा कि वो उसका ख़्याल रखेगा। राजा ने कहा कि सूर्यास्त से पहले लौट आना। इवा तेज़ी से सतह की ओर चल पड़ी। बाहर आते ही वो मंत्रमुग्ध हो गई। इस नई अंजान दुनिया ने उसे मोहित कर लिया। इतने में ही उसे एक जहाज़ नज़र आया, जिसमें एक युवक था। उसने श्रिंप से पूछा कि ये क्या चीज़ है। फिर उसने देखा कि वो युवक तो बिल्कुल उसके गुड्डे जैसा ही है। श्रिंप ने बताया कि वो राजकुमार है और शायद अपना जन्मदिन मनाने आया है। इवा राजकुमार की ख़ूबसूरती से मोहित हो गई थी और वो गाना गाने लगी। इतने में ही तूफ़ान आ गया। आसमान में काले बादल छा गए और तेज़ लहरों के बीच राजकुमार का जहाज़ फंस गया। इस तूफ़ान में जहाज़ डूब गया। इवा ने देखा, तो वो राजकुमार को बचाने चल पड़ी और वो कामयाब भी रही। राजकुमार को वो किनार पर लाई। इतने में ही किसी के आने की आहट सुनकर वो छिप गई।

कुछ लड़कियां वहां से गुज़र रही थीं और उन्होंने देखा कि राजकुमार वहां बेहोश था। इतने में राजकुमार को भी होश आ गया और उसने देखा कि एक ख़ूबसूरत लड़की वहां खड़ी है। राजकुमार ने उसे अपनी जान बचाने के लिए धन्यवाद कहा। राजकुमार उसे अपना दिल दे बैठा। उस लड़की ने भी सच नहीं कहा। एवा ने यह सब देखा, श्रिंप ने कहा कि वो लड़की झूठा श्रेय ले रही है। पर इवा ने कहा कि कोई बात नहीं, राजकुमार की जान बच गई, वो इसी से ख़ुश है। सूर्यास्त होने को था, तो दोनों वापस समंदर में लौट आए।

नन्हीं जलपरी का मन उदास था, क्योंकि वो राजकुमार को पहली नज़र में ही दिल दे बैठी थी। पर वो जानती थी कि उसे पाना नामुमकिन है। सागर के नियम ऐसे ही थे कि वो इंसानों से नहीं मिल सकती थी। श्रिंप ने नन्हीं राजकुमारी की हालत देख उसे एक उपाय सुझाया। वो उसे समुद्री डायन के बारे में बताने लगा, लेकिन उसने आगाह भी किया कि इसमें बहुत ख़तरा भी हो सकता है, लेकिन नन्हीं जलपरी को तो बस राजकुमार को पाने की धुन थी। वो चल पड़ी समुद्री डायन से मिलने।

समुद्री डायन ने अपने जादुई गोले में देखा कि लिटिल मरमेड उसकी मांद की ओर आ रही है। इतने में ही गोले में से एक भविष्यवाणी हुई कि राजकुमारी सबसे प्यारी और भावुक मन की है। वो अपने अच्छे कामों की वजह से एक पवन परी बन जाएगी और उसी व़क्त तुम्हारे पाप ख़त्म हो जाएंगे और तुम्हारी मृत्यु हो जाएगी। डायन ने कहा कि ऐसा कभी नहीं होगा।

इतने में ही राजकुमारी डायन तक पहुंच गई और उसने गुज़ारिश की कि वो इंसान बनना चाहती है। डायन ने कहा कि उस राजकुमार के लिए ऐसा करना सही नहीं, क्योंकि ये तुम्हारे दुखों का कारण भी बन सकता है। एवा ने कहा वो हर क़ीमत के लिए तैयार है। डायन ने कहा कि मैं तुम्हें इंसान तो मैं बना दूंगी, लेकिन तुम्हारी आवाज़ छीन लूंगी। तुम्हें राजकुमार का दिल जीतना होगा, अगर तुम कामयाब रही, तो तुम्हारी आवाज़ भी लौट आएगी, लेकिन यदि ऐसा नहीं हो सका, तो तुम्हारी मौत निश्‍चित है और तुम समुद्री झाग बन जाओगी।

नन्हीं जलपरी ने शर्त मान ली। डायन ने उसे जादुई शर्बत दिया और कहा इसे तट पर जाकर पीना। मरमेड ने ऐसा ही किया। शर्बत पीते ही वो बेहोश हो गई। इस बीच उसकी मछली जैसी पूंछ पैरों में बदल गई, पर उसकी आवाज़ चली गई। उसे होश आया तो सामने राजकुमार था। राजकुमार ने कहा तुम ठीक हो, पर तुम हो कौन? और सागर तट पर क्या कर रही थी? राजकुमार ने उसे आराम करने की सलाह दी।

अगले दिन वो चलने लगी, तो राजकुमार बेहद ख़ुश हुआ। उसने उसके साथ डांस किया और उसकी नृत्य कला से काफ़ी प्रभावित हुआ। राजकुमार ने कहा कि आज का दिन बहुत अच्छा है, मुझे मेरे जीवन का प्यार भी मिल गया। नन्हीं परी को लगा कि वो उसकी बात कर रहा है। इतने में ही राजा का आगमन हुआ और राजकुमार ने राजा से उस लड़की का परिचय करवाया, जो उसे तूफ़ान वाले दिन मिली थी। राजकुमार ने कहा कि इसी ने मेरी जान बचाई थी। मैं इससे शादी करना चाहता हूं। राजा भी मान गए। लिटिल मरमेड का दिल टूट चुका था। यह सब देख श्रिंप ने सागर में जाकर राजा को सब कुछ बताया।

राजा ने सागर की देवी से प्रार्थना की और सतह पर चला गया। एवा की बहनें डायन के पास गई, ताकि वो अपना श्राप वापस ले। डायन ख़ुश थी कि राजा की बेटियां उसके सामने गिड़गिड़ा रही हैं। फिर डायन ने कहा कि उसके पास एक उपाय है, लेकिन उसके लिए एवा को राजकुमार की हत्या करनी होगी। यदि लिटिल मरमेड इस जादुई खंजर से राजकुमार को मार देगी, तो उसे अपनी जलपरी वाली ज़िंदगी वापस मिल जाएगी। उसकी बहनें वो खंजर लेकर सतह पर गई। सबने देखा इवा अपने गुड्डे के साथ सागर तट पर एक पेड़ के नीचे उदास बैठी है। राजा ने उसे आवाज़ लगाई। इवा बेहद भावुक हो उठी। राजा ने इवा को वो खंजर दिया, पर इवा ने कहा कि वो राजकुमार को नहीं मार सकती। पर अपने भावुक पिता और बहनों को देख वो खंजर ले लेती है। वो राजकुमार के महल तक गई, पर वो राजकुमार को मार नहीं पाई, क्योंकि वो उसका प्यार था। वो लौट आई। अपने पिता और बहनों से माफ़ी मांगी। इवा ने कहा कि अब मेरी मौत निश्‍चित है। आप सब मुझे माफ़ कर देना। मैं अब झाग में बदलना चाहती हूं। इस दुनिया से जाना चाहती हूं। इतना कहकर वो समंदर में कूद गई। इतने में ही एक चमत्कारी शक्ति ने उसे खींच लिया और उसने देखा कि सामने पवन परी है। राजा बेहद ख़ुश था कि उसकी सबसे प्यारी बेटी की जान बच गई। राजा ने परी को धन्यवाद कहा।

इवा समझ नहीं पा रही थी। परी ने बताया कि हम आकाश की परियां हैं और तुम अब हमारे साथ परी बनकर रहोगी। तुम्हारे उदार मन और सागर व इंसानों के प्रति प्यार को देखते हुए ये तुम्हारा इनाम है। तुम भविष्य में इंसानी रूप में भी जन्म ले सकती हो। लिटिल मरमेड ने सबको अलविदा कहा और अपने राजकुमार से भी कहा कि अगले जन्म में तुम ही मेरा प्यार बनोगे। मैं हमेशा तुम से प्यार करूंगी। उसने परी मां को धन्यवाद कहा और उनके साथ स्वर्ग में चली गई। ऐसा होते ही उस डायन और उसके पापों का भी अंत हो गया। सभी लोग संतुष्ट थे।

(गीता शर्मा)

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