Friday, May 3, 2024
Homeअकबर-बीरबल की कहानियाँबीरबल ने चोर को पकड़ा : अकबर-बीरबल की कहानी

बीरबल ने चोर को पकड़ा : अकबर-बीरबल की कहानी

Birbal Ne Chor Ko Pakda : Akbar-Birbal Story

एक बार एक व्यापारी अपने किसी काम से कुछ दिनों के लिए प्रदेश से दूर गया हुआ था। जब वह अपना काम खत्म करके घर पहुंचा, तो देखता है कि उसकी पूरी तिजोरी खाली है। उसकी मेहनत की सारी कमाई चोरी हो चुकी है। व्यापारी घबरा गया और उसने अपने घर के सारे नौकरों को बुलाया। व्यापारी के घर में कुल 5 नौकर थे। व्यापारी की एक आवाज पर सारे नौकर उसके सामने आकर खड़े हो गए।

व्यापारी ने उनसे पूछा, “तुम लोगों के होते हुए घर में इतनी बड़ी चोरी कैसे हो गई? जब चोर आकर मेरी पूरी तिजोरी साफ कर गया, उस समय कहां थे सब के सब?” एक नौकर ने जवाब दिया, “हमें नहीं पता ये चोरी कब हुई मालिक। हम सो रहे थे।” उसकी यह बात सुनकर व्यापारी गुस्से से आग बबूला हो उठा और बोला, “मुझे तो लगता है कि तुम पांच में से किसी एक ने ही चोरी की है। तुम्हारा हिसाब अब बादशाह अकबर ही करेंगे।” यह कहता हुआ वो महल की ओर चल पड़ा।

बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठकर जनता की समस्या सुन रहे थे कि तभी व्यापारी वहां पहुंच गया। व्यापारी ने कहा, “न्याय हुजूर, न्याय, मेरी समस्या को दूर करें।” बादशाह ने पूछा, “क्या हुआ? कौन हो तुम और क्या है तुम्हारी समस्या?” व्यापारी बोला, “मैं आप ही के राज्य में रहने वाला एक व्यापारी हूं, महाराज। एक जरूरी काम से कुछ दिनों के लिए प्रदेश से बाहर गया था। जब वापस आया, तो मेरी सारी तिजोरी लुट चुकी थी। मैं बर्बाद हो गया, हुजूर। मेरी मदद करें।”

यह सुनकर बादशाह ने व्यापारी से कुछ सवाल पूछे, जैसे कितना सामान चोरी हुआ, क्या उसे किसी पर शक है आदि। सवालों के जवाब मिलने के बाद अकबर ने व्यापारी का मामला बीरबल को सौंप दिया और कहा कि असली चोर को पकड़ने में बीरबल उसकी मदद करेंगे।

अगले दिन बीरबल व्यापारी के घर पहुंचे। उन्होंने सभी नौकरों को बुलाया और उनसे पूछा कि चोरी की रात वो सभी कहां थे? सभी ने कहा कि वो व्यापारी के घर में ही रहते हैं और उस रात भी व्यापारी के घर में ही सो रहे थे।

बीरबल ने उनकी बात मान ली और कहा, “आप सभी को परेशान होने की जरूरत नहीं है। मेरे हाथ में ये पांच जादुई लकड़ियां हैं। मैं आप सभी को एक-एक लकड़ी दूंगा। जो भी चोर होगा, उसकी लकड़ी आज रात दो इंच लंबी हो जाएगी और चोर पकड़ा जाएगा। हम सभी कल यहीं मिलेंगे।” यह कह बीरबल ने सबसे हाथ में एक-एक लकड़ी पकड़ाई और वहां से चले गए।

दिन ढल गया। अगले दिन बीरबल फिर से व्यापारी के घर पहुंचे और उन्होंने सभी नौकरों को अपनी अपनी लकड़ी के साथ बुलाया। जब बीरबल ने सबकी लकड़ी देखी, तो उन्होंने देखा कि एक नौकर की लकड़ी दो इंच छोटी है।

बस फिर क्या था। बीरबल ने तुरंत सिपाहियों को उस नौकर को पकड़ने का आदेश दिया। व्यापारी इस पूरी घटना को समझ नहीं पाया और असमंजस से बीरबल की तरफ देखने लगा। बीरबल ने व्यापारी को समझाया कि कोई लकड़ी जादुई नहीं थी, लेकिन चोर को इस बात का डर था कि उसकी लकड़ी दो इंच बड़ी हो जाएगी और इस डर से उसने अपनी लकड़ी को दो इंच काट दिया और वह पकड़ा गया। व्यापारी बीरबल की चतुराई से बहुत प्रभावित हुआ और उसका धन्यवाद किया।

सीख: गलत काम चाहे जितना भी चतुराई से किया जाए, लेकिन वो सभी की नजरों में आ जाता है और उसका अंजाम हमेशा बुरा ही होता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments